कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर दिए गए ‘नाच-गाना’ वाले बयान ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। एक वायरल वीडियो में गांधी ने इस धार्मिक कार्यक्रम को ‘नाच-गाना’ कहकर संबोधित किया और इसमें आमंत्रित किए गए अतिथियों की सूची पर सवाल उठाए। गांधी ने कहा कि इस समारोह में अमिताभ बच्चन, अडानी और अंबानी जैसे मशहूर हस्तियों को बुलाया गया था, लेकिन किसानों और मजदूरों को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया।
“Ayodhya was lost by BJP because Amitabh , Adani , Ambani etc were invaded for the Ram Mandir inauguration ceremony. Naach-Gaana (Dance) was going on but no tribal, worker or farmer was invited” : Rahul Gandhi
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) September 27, 2024
This man is disgustingly disgusting at all levels
Our rituals ,… pic.twitter.com/6FlpdCm6vC
यह बयान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने हिंदू भावनाओं का अपमान बताकर कड़ी आलोचना की है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने गांधी पर आरोप लगाया कि वे राजनीतिक फायदे के लिए सनातन धर्म पर हमला कर रहे हैं। राष्ट्रीय बीजेपी प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने भी इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेता बार-बार हिंदू धर्म का अपमान करते रहे हैं, और इसे वोट बैंक की राजनीति के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
जनवरी 2024 में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भगवान राम लल्ला की मूर्ति की स्थापना की गई थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपन्न कराया। इस धार्मिक आयोजन को भारत में व्यापक रूप से देखा गया और इसे राम मंदिर निर्माण के लंबे इंतजार के पूरा होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है, जहां धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दे सियासत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बीजेपी इस विवाद का उपयोग अपने राजनीतिक समर्थन को मजबूत करने के लिए कर रही है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनज़र।